कांग्रेस के चिंतन शिविर से पहले राजस्थान सरकार के खिलाफ सामने आई नाराजगी
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
उदयपुर : राजस्थान विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस के उदयपुर में होने वाले तीन दिवसीय कांग्रेस राष्ट्रीय नवसंकल्प चिंतन शिविर को लेकर को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। वहीं कांग्रेसी नेताओं का उदयपुर में जुटने का सिलसिला शुरू हो गया है। शिविर के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ट्रेन से यात्रा कर गुरुवार शाम तक उदयपुर पहुंचेंगे। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के चिंतन शिविर से पहले राजस्थान में कांग्रेस सरकार के खिलाफ नाराजगी सामने आई है। चिंतन शिविर से ठीक पहले राजस्थान के दलित समुदाय ने सरकार से अपनी नाराज़गी जाहिर करते हुए दलित संगठनों ने संयुक्त रूप से एक श्वेत पत्र जारी किया है जिसमें राजस्थान सरकार में सत्ता, संगठन और प्रशासन में दलितों की भागीदारी पर कई गंभीर सवाल उठाए गए हैं।
राजस्थान में दलितों की आबादी और उनकी राजनीतिक और प्रशासनिक भागीदारी का अंकेक्षण किया गया है, जिसमें पार्टी के संगठन में दलित नेताओं की नियुक्ति से लेकर दलित आईएएस, आईपीएस की कलेक्टर एसपी के रूप में फ़ील्ड पोस्टिंग और राजनीतिक नियुक्तियों में दलितों की भागीदारी पर गहरा रोष जताया गया है। बता दें कि 11 मई को सोशल मीडिया पर जारी होने के कुछ देर बाद यह रिपोर्ट वायरल हो गई जिसके बाद राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर सवाल उठने लगे। राजनीतिक नियुक्तियों में 30 लोगों को मंत्री का दर्जा दिया गया है, जिसमें सिर्फ़ एक दलित मंत्री को सरकार में जगह दी गई है।
मुख्यमंत्री कार्यालय और निवास में कार्यरत विशेषधिकारियों में एक भी दलित नहीं होने पर भी जवाब मांगा गया जिसमें सीएमओ और सीएमआर में केवल एक दलित संयुक्त सचिव होने की बात कही गई है। वहीं ब्यूरोक्रेसी को लेकर एसीबी को अनुसूचित जाति के वार्ड पंच से लेकर आईएएस तक पर दुर्भावनापूर्ण कार्यवाही करने का भी आरोप लगाया गया है। गहलोत सरकार के खिलाफ श्वेत पत्र ! विभिन्न दलित संगठनों की तरफ से जारी इस रिपोर्ट को श्वेत पत्र नाम दिया गया है जिसमें बीते 2 अप्रैल 2021 को एससी-एसटी कानूम के दौरान हुए आंदोलन के मुक़दमे अभी तक जारी रहने और मुक़दमे वापस नहीं लेने पर भी रोष प्रकट किया गया है।
(जी.एन.एस)